दोस्तों Stockwale ब्लॉग में आप सभी का स्वागत है। आप सोच रहे होंगे “EPS Meaning In Hindi” बहुत मुश्किल होगा, तो आपको बतादूँ आपको घबराने की जरुरत नहीं है। इस लेख में हम Stock Market में EPS का क्या मतलब होता है इसके बारे में आसान भाषा में जानेंगे। आपको मैं EPS का मतलब और Full Form आसान भाषा में बताऊंगा।
EPS Meaning in Hindi | शेयर मार्केट मे EPS क्या होता है? | EPS के प्रकार
सबसे पहले मैं आपको EPS की Full Form बताता हूँ। EPS का मतलब होता है – Earning Per Share. अगर आसान भाषा में बोलूं तो कोई भी कंपनी per share कितना return देती है। अब कुछ लोग तो समझ गये होंगे EPS क्या होता है लेकिन कुछ लोग ऐसे होंगे जिन्हें अभी भी नहीं समझ आया होगा। तो चलिए EPS को एक Practicle उदाहरण से समझते हैं।
मान लीजिये कोई कंपनी है जिसके बाजार में 1 करोड़ Share मौजूद हैं, तो हम ये पता करना चाहते हैं कंपनी प्रति शेयर कितना Return देती है। तो उसके लिये मैं आपको फार्मूला बताता हूँ।
मान लीजिये कंपनी के 1 शेयर की कीमत ₹100 है और प्रति शेयर कंपनी (EPS) ₹15 देती है। इससे आप यह पता लगा सकते हैं सालाना यह कम्पनी आपको निवेश पर कितना return दे सकती है।
Formula = EPS*100 /Share Price
हमारे उदाहरण के हिसाब से Return बनेगा 15*100/100 = 15%
इस हिसाब से 7 वर्ष में आपका पैसा double हो जायेगा।
एक बात का हमेशा ध्यान रखें EPS की value कभी एक जैसी नहीं रहती है। यह कंपनी की Conditions के हिसाब से बदलती रहती है। EPS fundamental analysis का एक हिस्सा है इसके लिए आप हमारा फंडामेंटल एनालिसिस वाला लेख पढ़ सकते हैं।
किसी भी कंपनी का EPS देखने के लिए आप screener.in वेबसाइट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
Types Of EPS in Stock Market
EPS क्या होता है ये तो आप अच्छे से समझ चुके हैं, तो चलिए आपको अब मैं ये बताता हूँ EPS कितने प्रकार के होते हैं।
1. Basic EPS
2. Diluted EPS
इन दोनों EPS Types के बारे में जानने से पहले हमें Employee Stock Options, Convertible Preference Share और Convertible Debentures को समझना पड़ेगा। तो चलिये पहले एक-एक करके इन Terms को समझते हैं।
Employee Stock Options: कुछ कंपनियां अपने कुछ सीनियर Staff Members को एक Stock Option देती हैं जिसके तहत वो बाजार से कम Price पर कंपनी के Stocks को खरीद सकते हैं। हमने जैसे की उदाहरण लिया था किसी कंपनी के शेयर का मूल्य ₹100 है और कम्पनी ने कुछ सालों पहले अपने कुछ employees को ₹50 में नये Share खरीदने का विकल्प दिया है। तो वो Employee जब चाहें कंपनी के शेयर ₹50 में खरीद सकते हैं और Market में बेच सकते हैं । और अगर ऐसा होता है तो बाजार में कंपनी के Shares की संख्या बढ़ जायेगी जिससे EPS की वैल्यू कम हो जायेगी।
Convertible Preference Share: दोस्तों वैसे तो Preference Shares को Market में बेचा नहीं जा सकता लेकिन अगर Preference Share Convertible हुए तो उन्हें निश्चित संख्या में Equity में बदला जा सकता है। और अगर ऐसा होता है तो Shares की संख्या बढ़ जाएगी और इससे EPS कम हो जायेगा।
Convertible Debentures: इसकी वजह से भी EPS की value कम हो जाती है आइये बतातें हैं कैसे ? Convertible Debentures को अगर कोई भी कम्पनी जारी करती है तो निश्चित Time के बाद इन्हें Equity में बदला जा सकता है। और अगर ऐसा होता है तो इससे भी Shares की संख्या बढ़ जाएगी और EPS कम हो जायेगा।
तो दोस्तों अब आप Employee Stock Options, Convertible Preference Share और Convertible Debentures के बारे में जान चुके हो अब आप आसानी से Types Of EPS को समझ लेंगे।
1. Basic EPS
इसमें हम कम्पनी के बाजार में जारी किये गये शेयर का EPS देखते हैं इसे Basic EPS कहा जाता है।
2. Diluted EPS
अगर Convertible Preference Shares या Employee Stock Options के कारण किसी कम्पनी के शेयर बढ़ जाते हैं तो इस वजह से EPS की वैल्यू कम हो जाती है।
निष्कर्ष:
इस लेख का निष्कर्ष है EPS का मतलब earning per share होता है। कोई कंपनी प्रति शेयर आपको कितना प्रॉफिट देने में सक्षम है ये सब EPS को देख कर ही पता चलता है। किसी भी कंपनी का EPS यदि सालाना बढ़ोतरी करता है या फिर स्टेबल रहता है तो यह कंपनी और निवेशकों के लिए अच्छा होता है। यदि EPS निरंतर गिर रहा हो और स्टेबल ना हो तो निवेशकों को थोड़ा संभल कर निवेश करना चाहिए।
FAQs
EPS का मतलब क्या होता है?
EPS का मतलब होता है किसी भी कंपनी के शेयर आपको प्रति शेयर कितना Profit देते हैं।
निवेश करने से पहले क्या EPS देखना जरूरी है
YES, आपको किसी भी स्टॉक में निवेश करने से पहले उसका EPS देख लेना चाहिए