Share Market Fundamental Analysis In Hindi | फंडामेंटल एनालिसिस सीखें

दोस्तों Stockwale ब्लॉग में आप सभी का स्वागत है। यदि आप आसान भाषा “share market fundamental analysis In hindi” में के बारे में जानना चाहते हैं तो आप इस लेख को पूरा पढ़ें। फंडामेंटल एनालिसिस इतनी भी कठिन नहीं है जितना लोग समझते हैं। कुछ लोगों को लगता है कि फंडामेंटल एनालिसिस करने के लिए आपको accountant या CA होना जरूरी है लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है। बस आप इस लेख को पूरा पढ़िए आपको हम इसी लेख में एक्सपर्ट बना देंगे और आप खुद ही किसी भी स्टॉक की फंडामेंटल एनालिसिस कर पाएंगे।

Share Market Fundamental Analysis In Hindi

Share Market Fundamental Analysis In Hindi – फंडामेंटल एनालिसिस सीखें

आप हमारे इस लेख पर फंडामेंटल एनालिसिस सीखने के लिए आए हैं। सबसे पहले आपको अपने मन से ये निकाल देना होगा कि फंडामेंटल एनालिसिस के लिए आपको किसी तरह की डिग्री की आवश्यकता नहीं है । इसे कोई भी आसानी से कर सकता है बस आपको बिजनेस की basic समझ होना जरूरी है। तो चलिए जानते हैं कि फंडामेंटल एनालिसिस के लिए आपको कैसे शुरुआत करनी है।

Website For Fundamental Analysis

जाहिर सी बात है हमें फंडामेंटल एनालिसिस के लिए एक ऐसे वेबसाइट पता होनी चाहिए जहाँ सभी कंपनियों का डाटा मिल जाये। इसके लिए हम screener वेबसाइट का इस्तेमाल करेंगे। यहीं से हम फंडामेंटल एनालिसिस की शुरुआत करेंगे।

Company Work Profile

हम जिस भी कंपनी की फंडामेंटल एनालिसिस करना चाहते हैं उसके बारे में हमें जानकारी होनी चाहिए की वो कंपनी क्या करती है। यानि उस कंपनी के क्या product और services हैं। उदाहरण के लिए हम Hindustan Unilever कंपनी को लेकर चलते हैं। जब आप screener वेबसाइट पर जाकर इस कंपनी को सर्च करोगे तो आपको इसका पूरा डाटा देखने को मिलेगा। आपको About में देखने को मिलेगा कि यह कंपनी किस sector की है और क्या काम करती है। जैसे कि Hindustan Unilever एक FMCG सेक्टर की कंपनी है। अच्छे से समझने के लिए आप नीचे दी गई तस्वीर को देख सकते हैं।

company work profile screener

ROCE/ROE of Company:

ROCE – Return on Capital Employed देखने से हमें ये पता चलता है कि कोई कंपनी अपने पैसे का किस प्रकार इस्तेमाल कर रही है और उस से कितना Return कमा रही है। और अगर हम बात करें ROE (Return on Equity) की तो इससे हमें पता चलता है कि investors द्वारा invest किये गए पैसे पर कंपनी कितना return दे रही है। यदि ये दोनों 20% या उससे ज्यादा है तो आप समझ सकते हैं कंपनी काफी अच्छी स्तिथि में है और अच्छा बिजनेस कर रही है। नीचे दी गई तस्वीर में आप देख सकते हैं ROCE/ROE दोनों 20% से ऊपर हैं।

ROCE/ROE of Company

Dividend Paying Company:

Fundamental analysis करते समय आपको ये देखना भी जरूरी है कि वह कंपनी अपने निवेशकों को कितना dividend देती है। जब कोई कंपनी मुनाफा कमाती है तो वो उस मुनाफे में से कितना हिस्सा अपने निवेशकों को देती है उसे dividend कहते हैं। यदि कोई कंपनी dividend देने में सक्षम है तो इसका सीधा सा अर्थ ये है कि वह कंपनी मुनाफे में है। जैसा कि आप नीचे तस्वीर में देख सकते हैं Hindustan Unilever कंपनी 1.55% dividend देती है।

Dividend yield screener

Quarterly Results:

अब हमारा अगला स्टेप है कंपनी के quarterly results को देखना। हमें ये देखना इसलिए जरूरी है ताकि हम यह जान सकें कि हर तिमाही में कंपनी क्या परफॉर्म कर रही है। इसमें हमें कंपनी की sales, net profit और EPS पर ध्यान देना जरूरी है। यदि sales और net profit हर तिमाही में बढ़ रहे हैं तो इसका मतलब है कंपनी अपने मुनाफे को बढ़ाने के लिए अच्छी मेहनत कर रही है। इसके साथ ही अगर EPS constant है या फिर बढ़ रहा हो तो यह निवेशकों के लिए अच्छा होता है। Screener पर आपको यह नीचे दी गई तस्वीर की तरह देखने को मिलेगा।

Quarterly Results

Profit & Loss Statement:

इस स्टेटमेंट में हमें कंपनी की सालाना परफॉरमेंस के बारे में पता चलेगा। कंपनी सालाना कितनी sales और net profit करती है। Quarterly results में कई बार कोई quarter ख़राब हो सकता है लेकिन कंपनी की सालाना performance हर स्तिथि में अच्छी होनी चाहिए। एक अच्छे बिजनेस और निवेशकों के लिए यही अच्छा होता है कि कंपनी सालाना growth करे। नीचे तस्वीर में आप देख सकते हैं Hindustan Unilever कंपनी ने सालाना भी अच्छी परफॉरमेंस दी है।

Profit & Loss Statement

Balance Sheet of Company:

बैलेंस शीट में हमें कंपनी की वित्तीय स्तिथि के बारे में जानकारी मिलती है। कंपनी के ऊपर कितनी borrowings (कर्ज) है और कंपनी के पास कितने assets (संपत्ति) है। ये दोनों चीजें बेहतर होना हमारे लिए जरूरी है। यदि किसी कंपनी के ऊपर ज्यादा कर्ज है और उसके पास संपत्ति भी कम है तो यह निवेशकों के लिए बिलकुल अच्छा नहीं है। बैलेंस शीट में जितना कम कर्ज होगा और संपत्ति हर साल बढ़ती रहेगी तभी यह कंपनी और निवेशकों के लिए बेहतर होता है।

Balance Sheet of Company

Shareholding Pattern:

निवेशकों को ये देखना भी जरूरी है कि कंपनी का shareholding pattern क्या है। किसी भी स्तिथि में प्रोमोटर्स होल्डिंग कम नहीं होनी चाहिए। यदि कोई कंपनी कई सालों से प्रोमोटर्स होल्डिंग को maintain कर रही है तो इसका मतलब है कंपनी में सब सही है। लेकिन अगर प्रोमोटर्स होल्डिंग घटने लगे तो समझ जाइये कंपनी में कुछ तो खराब चल रहा है जिसकी वजह से प्रोमोटर्स अपना हिस्सा बेचते जा रहा हैं। Screener में आप सबसे नीचे इस ऑप्शन को देख पाएंगे।

Shareholding Pattern

Conclusion:

हमें उम्मीद है इस लेख को पढ़ने के बाद अब आप fundamental analysis करना सीख गए होंगे। जो भी इस लेख में हमने बताया है वो सब चीजें आप screener website पर जाकर किसी भी कंपनी की देख सकते हैं। वैसे तो फंडामेंटल एनालिसिस में और भी कई चीजें आती है लेकिन हमें जो जानने की जरूरत है वो सब हमने आपको इस लेख में बताया है।

FAQs

What is the best website for fundamental analysis?

Screener.in is best website for fundamental analysis.

शेयर मार्केट में फंडामेंटल क्या होता है?

फंडामेंटल का मतलब है कि जिस कंपनी में आप निवेश करना चाहते हैं उस कंपनी के पूरे कारोबार की जानकारी जैसे बैलेंस शीट, प्रॉफिट लॉस स्टेटमेंट इत्यादि फंडामेंटल एनालिसिस से मिलती है।

किसी कंपनी के फंडामेंटल कैसे चेक करें?

कंपनी के फंडामेंटल चेक करने के लिए स्क्रीनर वेबसाइट के माध्यम से आप कंपनी का नाम सर्च करके उसके quarterly, annual नतीजे, कंपनी की वित्तीय स्तिथि, कंपनी के फ्यूचर प्लान का अध्यन करें।

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